संता एक दिन तालाब के किनारे घूम रहा था। वहां उसने एक मेढ़क देखा। संता ने मेढ़क से पूछा- क्या सरदार पागल होते हैं?मेढ़क उसकी आवाज सुनकर पानी में कूद गया।संता बोला- अरे यार इसमें सुसाइड करने वाली कौन सी बात थी।
संता सिंह ने अपनी रेलयात्रा के दौरान अपना देशी घी का बड़ा सा डिब्बा अनजाने में ट्रेन रोकने वाली जंजीर पर टांग दिया।ट्रेन रुकी तो गार्ड खिंची हुई जंजीर तलाश करता हुआ डिब्बे में पहुंचा। उसने जंजीर पर डिब्बा टंगा देखा तो गुस्से से बोला- यह डिब्बा किसका है?संता बोले- मेरा है।गार्ड- जानते हो इसकी वजह से ट्रेन रुक गई है।संता (खुश होकर)- भई वाह! देशी घी की असल ताकत का आज पता चला।
संता (बंता से)- तुमने अपनी ज्वेलरी शॉप को वातानुकूलित क्यों बनाया है?बंता (संता से)- वह इसलिए कि गहनों का दाम सुनकर ग्राहकों को पसीना न आए।
Monday 23 June, 2008
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